“शिक्षा” जो की आधुनिक समय में भारत समेत समूचे विश्व में व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, वहीं कुछ लोग और संस्थाएं आज भी शिक्षा को सामाजिक उत्थान और सेवा का माध्यम बनायें हुए हैं। उनके लिए शिक्षा कोई व्यापार नहीं अपितु मानव सेवा का सर्वोत्तम जरिया है। वह लोग समाज को सशक्त बनाने हेतु निःस्वार्थ भाव से लगे हुए है। ऐसे लोगों को किसी भी प्रकार के सम्मान की भूख नहीं होती है और ना ही वो लोग अपने आप को gloryfy करते है। ऐसे विरले लोग तो बस जन कल्याण हेतु लगे रहते हैं। ऐसी ही एक संस्था की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आये हैं जो की पिछले 12 वर्षों से मुफ्त में बच्चों को उत्तम दर्जे की शिक्षा और हॉस्टल फैसिलिटी मुहैया करवा रहे हैं। आज की कहानी हैं श्री सत्य साईं Educare विद्या प्रतिष्ठान (स्कूल) ,योल की ,जो, विगत 2010 से मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं। इस कहानी को लिखने में PrepShine Stories की सहायता श्री सत्य साईं Educare स्कूल के सह संस्थापक ईशा जी और प्रतीक सूद जी और अंबरीष जी ने की जिन्होंने स्कूल की जानकारी हमें दी और गोपिका शर्मा जी जिन्होंने इस स्कूल के बारे में हमें बताया था, इन तीनों ने मिलकर करी है।
** श्री सत्य साईं एजुकेयर (Educare) विद्या प्रतिष्ठान (स्कूल) की परिकल्पना ?
2009 -10 की बात हैं, जिला काँगड़ा के योल में एक गांव है स्लेट गोदाम जो की High Altitude पर बसा हुआ है। भौगोलिक दृष्टिकोण से वह जगह बहुत दुर्गम है और आर्थिक दृष्टिकोण से भी वह गाँव इतना समृद्ध नहीं है, वहां पर साईं भक्तों की एक संस्था ने महिलाओं के लिए एक सिलाई सेण्टर की शुरुवात करी। एक दिन उसी सिलाई सेण्टर को देखने के लिए अंबरीष कुमार जो की सिहुंता ,जिला चम्बा के रहने वाले वो स्लेट गोदाम आये हुए थे तब उनकी नज़र एक दिव्यांग लड़की पर पड़ी जो की पैदल ही स्कूल जा रही थी उस लड़की से बात करने के बाद उनके मन में विचार आया क्यों ना यहाँ पर एक स्कूल खोला जाये जो की बच्चों को अच्छी शिक्षा और मुलभुत सुविधाओं के साथ फ्री एजुकेशन दे। ताकि यहां के बच्चों को दूर पड़ना न जाना पड़े। यह विचार उन्होंने अपनी बहन ईशा और दोस्त प्रतीक सूद के साथ शेयर किया। और इस तरह इन तीनों ने मिलकर 8 अप्रैल 2010 को 33 स्टूडेंट्स के साथ साईं Educare विद्या प्रतिष्ठान (स्कूल) की शुरुवात करी ।
**श्री सत्य साईं एजुकेयर विद्या प्रतिष्ठान (स्कूल) की अर्ली स्टेज़?
2010 में जब हमने इस स्कूल की शुरुवात करी तब हमारे पास प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था, हमारे पास न तो स्कूल की बिल्डिंग थी ना ही बिल्डिंग बनाने के लिए जमीन और पैसे थे। हमने सिर्फ छठी से आठवीं तक की क्लासेज शुरू करी थी। और सिर्फ 33 बच्चों ने एडमिशन ली थी। उस समय सुरेंदर कपूर जी, जो की सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं उनके पिता जी स्वर्गीय श्री गोरख राम जी वह फरिश्ता बनकर आगे आये। उन्होंने अपना पुराना घर स्कूल खोलने के लिए दे दिया और स्कूल की बिल्डिंग बनाने के लिए अपनी जमीन दान में दी। साईं भक्तों ने पैसे इक्कठे करके हमें दिए और इस तरह 2011 में साईं Educare विद्या प्रतिष्ठान ( स्कूल) के भवन की नींव पड़ी। 2012 में हमने नौवीं और दसवीं की कक्षायें भी शुरू कर दी। 2012 मे ही स्कूल बिल्डिंग भी तैयार हो गयी और जब स्कूल का नया भवन तैयार हुआ तो फिर हमने पांचवीं तक की क्लासेस भी शुरू कर दी।
**वर्तमान में श्री सत्य साईं एजुकेयर विद्या प्रतिष्ठान (स्कूल) की स्थिति?
वर्तमान में साईं एजुकेयर स्कूल में पहली से दंसवीं कक्षा तक 250 से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे है। और पुरे स्कूल में 12 लोगों का स्टाफ है जोकि दिन रात बच्चों की भलाई का कार्य कर रहे हैं। स्कूल से जो बच्चे पढ़कर निकलते है वो भी यहाँ पढ़ाने आते हैं। हम अपने बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु भी कार्य करते हैं ,वर्तमान में हमारे स्कूल से पढ़ी 2 लड़कियां बेंगलुरु में BSC नर्सिंग कर रही हैं ,एक लड़की काँगड़ा के टांडा हॉस्पिटल और 2 लड़कियां सोलन से GNM कर रही है। 2 बच्चे काँगड़ा के अवस्थी कॉलेज से बी.एड कर रहे हैं। कुछ बच्चे शिमला के St. Beeds से JBT कर रहे हैं। एक लड़की पंजाब यूनिवर्सिटी से म्यूजिक में MA कर रही है। 2 बच्चे शाहपुर से ITI कर रहे हैं तो कुछ बच्चे गवर्न्मेंट कॉलेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन कर रहे हैं और एक लड़की छत्तीसगढ़ में फाइन आर्ट की पढ़ाई कर रही है।
**फाइनेंसियल हसल ?
श्री सत्य साईं एजुकेयर विद्या प्रतिष्ठान में हम बच्चों को उनकी शिक्षा से लेकर उनके रहने और खान पान तक की सारी सुविधाएँ मुफ्त में मुहैया करवाते हैं इस कड़ी में एक महीने का लगभग छः (6)लाख तक का खर्चा आता है जिसे ARRANGE कर पाना हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती रहती है हम कहीं पर भी डोनेशन नहीं मांगते है और ना ही हम अपने बच्चों के लिए अनाथ या गरीब शब्द का प्रयोग करते है ये हमारे स्कूल के संविधान के सख्त खिलाफ है।हमारे लिए हमारे बच्चे भगवान का सवरूप हैं और हम भगवान की ही सेवा में लगे हुए है। हमारा मुख्य लक्ष्य बच्चों को अच्छी गुणवता वाली शिक्षा के साथ साथ उनका सर्वांगीण सामाजिक और बौद्धिक विकास करना है।इस में कई लोग फरिश्ते बनकर हमारा साथ दे रहे हैं। कई लोगों ने स्टूडेंट्स और टीचर्स को गोद लिया हुआ है वही उनका खर्चा देखते हैं।कई लोगों ने खाने की जिमेदारी ली हुई है इस तरह से स्कूल की कार्यवाही निरंतर चल रही है।
**Other activities!
श्री सत्य साईं Educare विद्या प्रतिष्ठान में हम शिक्षा देने के अलावा अन्य सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। भगवान श्री सत्य साईं बाबा के आदर्शों के ऊपर चलते हुए ट्रस्ट द्वारा नारायण सेवा का एक अदभुत कार्य वर्ष 2010 से प्रारंभ किया गया। इसमें मुख्यतः क्रिसमस के उपलक्ष्य पर लगभग 400 से 500 नारायणों को भोजन करवाया जाता है। वर्ष 2010 में जिस स्थान पर स्कूल खोला गया उस स्थान को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए लगभग 500 मीटर रास्ते का निर्माण स्थानीय लोग था उपरोक्त स्कूल से सहयोग किया गया। इस से पहले उक्त गांव सड़क सुविधा से वंचित था। उक्त इलाके में स्वच्छता अभियान नियमित रूप से चलाया जाता है। दुर्गम इलाकों में मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता है जिस से वहां की जनता लाभांवित होती है। 2017 में गांव ठेडू में भव्य खेल के मैदान का निर्माण किया गया जिसमे अब हर साल जनवरी व् मई माह में क्रिकेट व अन्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
अगर कोई भी श्री सत्य साईं Educare स्कूल के बारे में विस्तृत जानकारी चाहता है तो वह इस नम्बर 7807899177 पर कॉल करके जानकारी ले सकते है।