“I failed , I failed and eventually I succeed” this success story of an aspirant who never quit.
He cleared HPAS as BDO ( Block Development Officer)
About BDO : Implementing schemes of rural development and planning of state and center.
BDO Kanwar Tanmay Singh
28-3-2014 , ये वह दिन था जिस दिन मैंने Ericsson company से विदा ली थी और आम जनता के काम करने के लिए सरकारी नौकरी का सपना लेकर अपने जीवन में एक कदम आगे बढ़ाया था। मैंने अपने manager से कहा था कि मैं ये चाहता हूं कि बड़े शहर में मुझे कोई ना जाने इसके बजाय मुझे छोटे शहर में सब जाने …….31-7-2017 के दिन मैं पहली बार तहसील कल्याण अधिकारी के पद पर नियुक्त हुआ और सरकारी नौकर के रूप में मुझे हिमाचल प्रदेश में जुब्बल तहसील में कार्यरत होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैंने यहां रहते हुए यही प्रयत्न किया कि मैं हर जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता कर पाऊं। इसी दौरान मैंने कई परीक्षाएं दी। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में मै 2016-2017 में कम अंकों से अनुत्तीर्ण रहा, 2016 में ही .75 से SBI PO की परीक्षा में विफल रहा , 2017 में project manager की परीक्षा में 3 पद थे , मैं चौथे नम्बर पर रहा, उसी वर्ष NICL के साक्षात्कार से भी बाहर हुआ था । उसी के बाद मै तहसील कल्याण अधिकारी नियुक्त हुआ। । इस पद से खंड विकास अधिकारी तक का ये संघर्ष और तपस्या सिर्फ मे री नहीं थी, मेरे साथ यह मेरे माता पिता, मेरी बहन , मेरे मित्रों और मेरे सभी शुभचिंतको का भी संघर्ष रहा है। और आज मुझे उम्मीद है कि मै कुछ हद तक आप सबकी उम्मीदों पर खरा उतरा हूं, पर यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। मैं वक्तव्य विशेष में इतना परिपक्व नहीं हूं परन्तु मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि चाहे मैंने जीवन में अधिक धन न कमाया हो, परन्तु मैंने मित्र कमाए हैं, और मैं आप सभी का आभारी हूं। roller coaster समान ये जीवन रहा है, और अब जब यह यात्रा चरम पर होगी तो मुझे यह डर नहीं होगा कि अब मैं ढलान पर हूं , परन्तु यह आशा है कि ये जीवन का शिखर की ओर एक नया और रोमांचक अध्याय होगा ।
मेरा नाम तन्मय कंवर है, और अभी मै शिलाई, ज़िला सिरमौर में खण्ड विकास अधिकारी (BDO) के रूप में कार्यरत हूं। मेरा विद्यालय DAV न्यू शिमला था एवम् मेरी स्नातक NIT हमीरपुर से 2012 ECE में हुई है । इसके उपरांत मैंने नोएडा और गुरुग्राम में Ericsson में डेढ़ वर्ष तक नौकरी की , पर मुझे ये लगता था कि यदि काम में चिंता करनी ही है तो ऐसे काम की की जाए जिसे करके काम से कम लोगों के जीवन को सकारात्मक तरह से प्रभावित किया जा सके।
2014-17 तक मैंने IAS, HPAS, SBI PO, SSC CGL, RBI Grade B, RBI assistant, United India insurance जैसी कई परीक्षाएं दी, पर कभी prelims और कभी mains में मैं बाहर हुआ। 2016 में मेरा UPSC का prelims काफी अच्छा हुआ था और मैं काफी आश्वस्त था कि मैं इसे pass कर लूंगा। परन्तु इस परीक्षा में परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा, फासला .66 का रहा। 2017 में ये फासला 1.3 का रहा। इसके बाद मैंने केवल HPAS पर ही ध्यान देने का निर्णय लिया। 2016 में ही मेरा SBI PO का साक्षात्कार हुआ, जिसमें मैं .75 से असफल हुआ। 2017 में मेरा पहला HPPSC का साक्षात्कार था जो Project manager की नौकरी के लिए था। 3 posts थीं और मैं 4th रहा। आखिरकार HP allied services की परीक्षा से मैं तहसील कल्याण अधिकारी बना। फरवरी 2019 में नायब तहसीलदार का साक्षात्कार भी दिया। 2014-19 तक 5 बार HPAS mains तक पहुंचा और दो बार साक्षात्कार तक।
अंततः 2019 में मैं खण्ड विकास अधिकारी नियुक्त हुआ । ऐसा नहीं है कि संघर्ष केवल मेरे जीवन में ही था, ये सभी के जीवन में भिन्न भिन्न रूप में रहता है, बस ऐसे समय में स्वयं को प्रेरित करते रहना ही सफलता की ओर पहला कदम है। सफलता मिलने पर भी अपने बुरे समय में काम आए लोगों को सदा याद रखने और उसे अपने दिमाग पर न चढ़ने देने पर ही आप वास्तविकता में सफल कहलाए जाएंगे। आशा है कि आप सबको इस अल्प लेख से शायद थोड़ी सी प्रेरणा मिले ।
Thank you