“मेरा लक्ष्य” ये हर किसी की ज़िंदगी का बहुत ही जटिल प्रश्न है कोई ताउम्र सिर्फ अपने लक्ष्य को निर्धारित करने में अपनी ज़िंदगी गुजार देता है ,तो किसी का लक्ष्य उसे खुद ब खुद चुनता है व् किसी इंसान का लक्ष्य उसके बचपन में ही निर्धारित हो जाता है और सही समय आने पर अपने लक्ष्यपूर्ति हेतु प्रयासरत हो जाता है,बिना किसी सोच विचार के। आज जिस शख्शियत से आप मिलने जा रहे है उन्होंने अपने बचपन में ही दृढ़ संकल्प ले लिया था उनके जीवन का उद्देश्य क्या है और उन्हें किस दिशा में जाना है, और जब सही समय आया तो वह उसके लिए संघर्षरत हो गए ….उम्मीद करना हूँ आज का यह अंक पड़ने के बाद आपके जीवन में Clarity आएगी ….. आज जिनके बारे में आप पड़ने जा रहे उनका नाम अजय शर्मा है और वर्तमान में वह HPPWD भरमौर, जिला चम्बा HP में JE के पद पर कार्यरत हैं ।
Ajay Sharma
JE HPPWD Bharmour, Chamba HP
∆सबसे पहले तो आप हमें अपना परिचय दें और आपकी पारिवारिक पृष्टभूमि के बारे में हमें कुछ बताएं?
मेरा नाम अजय शर्मा है और मैं गाँव लोहानी जोकि पोस्ट ऑफिस टिकरू तहसील सलूणी जिला चम्बा ,हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरे पिता जी का नाम श्री निधिया राम है और वह पेशे से किसान हैं। वर्तमान में मैं भरमौर में PWD में जूनियर इंजीनियर (JE ) के पद पर कार्यरत हूँ ।
∆आपकी शिक्षा ?
मेरी प्राइमरी शिक्षा GPS लोहानी , दंसवी GHS टिकरू से और 12th (नॉन मेडिकल, साइंस) GSSS सलूणी से हुई है। उसके बाद मैंने सिविल इंजीनियरिंग हिमालयन ग्रुप ऑफ़ प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट काला अंब ,सिरमौर से 2012 में पुरी करी।
∆आपके JE बन ने तक का सफर कैसा रहा कृपया करके हमे अपनी “JOURNEY” के बारे में बताये ?
2012 में सिविल इंजीनियरिंग पुरी करने के बाद मेरे माइंड में क्लियर था की मुझे JE ही बन ना है। इसलिए मैंने ज्यादा सोच विचार किये बिना ही अपनी तैयारी शुरू कर दी। उसके बाद साल दर साल असफलताओं का सामना करते हुए वर्ष 2018 में मेरा चयन HPPTCL में JE के पद पर हुआ।
मेरा JE का पहला एटेम्पट जून 2013 में था जिसका मैंने Written क्लियर कर लिया पर फाइनल मेरिट में कुछ नंबरों से रह गया था। 2013 में ही मैंने दूसरा एटेम्पट दिया पर उस समय मेरी तैयारी कुछ अच्छी नहीं थी उस वजह से मेरा वो पेपर इतना अच्छा नहीं हुआ। 2014 में मैंने फिर से Written क्लियर किया पर अंतिम परिणाम फिर से वैसा ही रहा ,2015, 2016 और 2017 वाले जो अटेम्ट दिए उनमे भी मेरा Written क्लियर था पर मेरिट में नाम नहीं आया। 2016 में मैंने सर्वेयर का Written भी HP रैंक 2 के साथ पास किया। अंततः 2018 में मेरे 8वें पेपर में जाकर HPPTCL में मेरी पहली सिलेक्शन HP रैंक 4th के साथ JE के पद पर हुई। 2018 में ही मैंने IPH Department का JE का एक और पेपर दिया था जिसमे मेरा चयन 0.50 अंको से होते होते रह गया पर मुझे HPPWD में जाना था तो उस वजह से मैंने अपनी तैयारी जारी रखी और 2019 में जो की मेरा दंसवा एटेम्पट था उसमे मेरा चयन HPPWD में हो गया। मैंने अपने जीवन में कुल 12 पेपर दिए और उन सभी के Written क्लीयर करे।
∆WHY ONLY JE ?
JE बन ने का सपना वास्तव में मेरे दादा जी स्वर्गीय श्री तेज राम जी का था , जो की लगातार 30 वर्षों तक सलूणी ब्लॉक में पंचायत प्रतिनिधि रहे। बचपन में जब वो हमें पड़ने के लिए प्रेरित करते थे तो वह अक्सर बोला करते थे की आपको इंजीनियरिंग लाइन में जाना चाहिए। वह अक्सर कहा करते थी की मेरे परिवार में से कोई उनका यह सपना पूरा करे। उस वजह से यह बात मेरे दिमाग में बैठ गयी और जब करियर बनाने का वक्त आया तो मुझे पहले से ही क्लियर था की मुझे करना क्या है।
∆लगातार इतने वर्षों तक आपने अपनी असफलताओं का सामना किस तरह से किया?
ईमानदारी से कहूं जब मैं अपने पहले एटेम्पट में फेल हुआ तो मैं कुछ हद्द तक मायूस था पर उसके बाद कभी नहीं हुआ। मैं हमेशा ज्यादा से ज्यादा 4 नम्बरों के अन्तर से ही फेल हुआ तो मेरे अंदर यह विश्वास तो था ही की मैं एक न एक दिन सफलता जरूर हासिल करूँगा। पर हाँ अपने पांचवे एग्जाम में मुझे पूरी उम्मीद थी की इस बार तो मैं जरूर सफल हो जाऊंगा पर तब भी थोड़े अंकों से मैं रह गया उस समय मैं डिप्रेशन में गया। तब मेरे छोटे भाई ने मेरा बहुत होंसला बढ़ाया उसने मुझे बहुत मोटीवेट किया और उस वजह से मैं फिर से अपनी तैयारी में जुट गया। और मेरा परिवार जिन्होने हर संभव कोशिश करी मुझे बेहतर सुविधाएँ देने की व् मेरे जीवन के आदर्श मेरे ,मामा जी श्री मदन मोहन शर्मा जी जो की CHT हैं ,ने हमेशा बहुत साथ दिया ।
∆युवाओं के लिए कोई सन्देश ?
अपनी गलतियों से सीखें ये सबसे महत्वपूर्ण है। मैं खुद की बात करुँ तो अपने पांचवें एटेम्पट से पहले मैं हमेशा पेपर के थोड़े दिन पहले पड़ना शुरू करता था जो की मेरी बहुत बड़ी गलती थी ,मैंने उसको सुधारा। अपनी कमियों पर काम करा इस वजह से हर एटेम्पट में मेरा स्कोर पहले से ज्यादा रहा। खुद पर भरोसा रखें मैंने अपनी सारी तैयारी बिना कोचिंग के घर से ही करी। नकारत्मक लोगों से दूर रहें अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूरा करने के लिए अपनी जी जान लगा दी। मेरे ऊपर भी बहुत प्रेशर था की ये काम कर लो ,वो काम कर लो , प्राइवेट जॉब कर लो etc पर मैं अपने लक्ष्य पर अड़िग रहा। अपने कांसेप्ट क्लियर करें और सही किताबों का चयन करना, व इंटरनेट का सही उपयोग करना ये बहुत जरुरी हैं!
∆अजय शर्मा जी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और हमें पूरी उम्मीद है की आपकी कहानी एस्पिरेंट्स को बहुत Clartiy और होंसला देगी ,भविष्य के लिए अनेकों शुभकामनाएं !
धन्यवाद PrepShine Stories